चंबल फॉरेस्ट एसडीओ श्रद्धा पंढरे का 3 माह में तबादला, कहा- सरकार ने काम करने का मौका नहीं दिया
GOONJ M.P News
मुरैना. चंबल के मुरैना में रेत माफिया से सीधे टकराने वाली वन विभाग एसडीओ श्रद्धा पंढ़रे काे सरकार ने 3 महीने में ही हटा दिया। लेडी सिंघम के नाम से मशहूर श्रद्धा पर चंबल में रेत खनन रोका तो बौखलाए माफिया ने 3 महीने में 11 हमले करवाए। औसतन हर आठ दिन में एक हमला हुआ। श्रद्धा के एक्शन ने चंबल पुलिस की माफिया से मिलीभगत भी उजागर कर दी। सबकी आंखों की खटकने वाली पंढ़रे ने बांधवगढ़ रिजर्व पार्क तबादला होने पर कहा कि सरकार हमें काम करने का मौका ही कहां देती है। अगर मेरा ट्रांसफर नहीं होता तो राजघाट पर सीधे कार्रवाई करती। राजघाट चंबल नदी के किनारे हैं, जहां से माफिया रेत निकालता है। आदिवासी परिवार की बेटी 36 वर्षीय श्रद्धा नक्सल प्रभावित बालाघाट के बैहर तहसील के बिला टोला गांव की रहने वाली हैं। शुरुआती पढ़ाई छिंदवाड़ा के सरकारी कन्या स्कूल में हुई। यहां वह आदिवासी होस्टल में ही रहीं। बालाघाट के जटाशंकर कॉलेज से बीएससी किया। 2009 में चयन एमपीपीएससी में हो गया। 2010-12 में स्टेट फॉरेस्ट एकेडमी देहरादून में ट्रेनिंग ली। 5 साल का बेटा है। रेंजर की ट्रेनिंग के दौरान उन्हें बैतूल के चिचौली में तैनाती मिली। सागौन की लकड़ी की अवैध कटाई रोकने लगीं तो यहां जंगल माफिया ने सागर ट्रांसफर करा दिया। सागर से फिर बैतूल ट्रांसफर किया गया। बैतूल से उमरिया और उमरिया से मुरैना ट्रांसफर किया गया। सबसे छोटा कार्यकाल मुरैना का रहा।