निजीकरण के विरोध में 15 जुलाई से आंदोलन करेंगे एमपी के बिजली कर्मी
GOONJ M.P News
इंदौर, मध्य प्रदेश 15 जुलाई के बाद अंधेरे में डूब सकता है, बिजली कर्मचारियों ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है कि वे बिजली विभाग को निजी हाथों में देने का विरोध कर रहे हैं। इंदौर में रविवार को यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स एसोसिएशन की बैठक हुई, इसमें आंदोलन की रणनीति तय की गई। बैठक में शामिल होने भोपाल से प्रांत संयोजक वीकेएस परिहार भी पहुचें। प्रांत संयोजक वीकेएस परिहार ने कहा कि केंद्र सरकार बिजली का निजीकरण करने जा रही है, इसके तहत मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों को 1 रुपए लीज पर दिया जाएगा, इसके लिए राज्य सरकार ने ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो इस साल के अंत तक बिजली सप्लाई का जिम्मा प्राइवेट सेक्टर के पास चला जाएगा। इस क्रम में सबसे पहले सबसे ज्यादा मुनाफे वाली इंदौर की पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को लीज पर दिया जाएगा। परिहार ने कहा कि बिजली कंपनियों के निजी हाथों में जाने से किसानों और गरीब वर्ग को बिजली महंगी मिलेगी, जैसे पेट्रोल और डीजल के दाम कंपनिया रोज बढ़ा रहीं है, इसी तरह के हालात बिजली विभाग में हो जाएंगे। बिजली कंपनियां रोज नया टैरिफ घोषित करेंगी और लोगों को मजबूरी में महंगी बिजली खरीदनी पड़ेगी। प्राइवेटाइजेशन के बाद बिजली बिल जमा करने में देरी पर भी भारी सरचार्ज भरना पड़ेगा और कानूनी कार्यवाही का भी डर रहेगा। वैसा ही जैसा लोन मुहैया कराने वाली एजेंसियां और सूदखोर भुगतान में देरी पर करते हैं। इसलिए बिजली विभाग के प्राइवेटाइजेशन को कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।